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नही रुक रही इंसानो की हैवानियत हथनी के बाद गर्भवती गाय को खिलाया विस्फोटक

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दोस्तो, आपका बहुत बहुत स्वागत है हमारे ब्लॉग पर। दुनिया मे कोरोना वायरस एक महामारी के रूप मे उभरा है।   जिसने कई देशों को पूरी तरह बर्बाद करके रख दिया है। भारत मे भी कोरोना के 2 लाख और 50 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। और इसने भारत के साथ साथ पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति को हिला के रख दिया है। भारत मे तोह भूकंप, अम्फान तूफान और चक्रवात जैसे कुदरत के कहर भी देखने को मिले हैं। क छ दिन पहले इंसानो का शर्मसार कर देने वाली हरकत सामने आई थी जिसमे कुछ जाहिल लोगो ने एक गर्भवती हथनी को एक पटाखों से भरा विस्फोटक अनानास दिया था लेकिन उस के मुह मैं जाते ही पटाखे पटक जाते हैं। और उस बेज़ुबान जानवर की म्रत्यु हो जाती है।  केरल मैं गर्भवती हथनी के साथ हुई हैवानियत के बाद हिमाचल प्रदेश मे भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। बिलासपुर के झंडुता इलाके मे किसी एक ने गर्भवती गाय को विस्फोटक का गोला बनाकर खिला दिया जिस्से गाय बुरी तरह जख्मी हो गयी।

BREAKING NEWS: अब जून से नही बल्कि अगस्त मैं इस तारीख से खुलेंगे स्कूल और कॉलेज

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छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के हफ्तों के भ्रम के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि स्कूलों और कॉलेजों को अगस्त 2020 के बाद फिर से खोला जाएगा. बता दें, दोबारा स्कूल खोलने के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था. कोरोना काल मे lockdown के चलते भारत के साथ साथ पूरी दुनिया बहुत ज़्यादा प्रभावित हुई है। भारत मे लोकडौन लगभग 2 महीनों तक चला जिससे भारत को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। 24 मार्च से शरू होकर लोकडौन अब खत्म होने जा रहा है। लेकिन छात्रो के मन मे एक आशंका थी कि स्कूल और कॉलेज कब से खुलेंगे। इस पर बहुत सी वार्तालाप के बाद अब ये फैसला सामने आया है कि शिक्षा संस्थानों को खोल दिया जाएगा।  मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि स्कूलों और कॉलेजों को 15 अगस्त 2020 के बाद फिर से खोला जाएगा

UP BOARD 12TH पंचलाइट कहानी । Punch light story short summery

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पंचलाइट कहानी की कथावस्तु: पंचलाइट कनीश्वर नाथ रेनू द्वारा रचित एक आंचलिक कहानी है जिसमें रेणु जी ने ग्रामीण के साथ साथ आंचलिक परिवेश को अत्यंत सुंदरता के साथ उभारा है। कहानी की कथावस्तु ग्राम में प्रवेश से ग्रहण की गई है इस कहानी की कथावस्तु में उन्होंने पेट्रोमैक्स जिसे गांव वाले पंचलाइट या पंचलेट कहते हैं। के माध्यम से ग्रामीण वातावरण का चित्रण करते हुए ग्राम वासियों के मनोविज्ञान की वास्तविक झलक प्रस्तुत की है। ग्रामीण जन जाति के आधार पर किस प्रकार टोलियो में विभक्त हो जाते हैं और परस्पर ईर्ष्या, द्वेष के भाव से भरे रहते हैं। इसका बड़ा ही जीवन यतार्थ रूप इस कहानी में उभारा गया है। ग्रामीण आँचल का वास्तविक चित्रण दिखाना ही इस कहनी का उद्देश्य है। Share करना न भूलें।